सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि उनकी सरकार को अस्थिर करने की साजिश को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पुलिस में दर्ज मामले की जांच करायी जायेगी और कानून सम्मत कार्रवाई की जायेगी। वह रविवार को यहां मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, हमारा दिल बहुत बड़ा है। भारतीय जनता पार्टी और अन्य विरोधी दलों द्वारा हमारे खिलाफ की जा रही छोटी-मोटी आलोचनाओं पर हम ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन जब सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची जायेगी, तो उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
Author: azad sipahi desk
विफलताओं से घिरी गठबंधन सरकार को जनहित में सवाल अच्छे नहीं लग रहे। जनता इनकी नीति और नीयत समझ चुकी है। इस सरकार में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अलावा जितने भी विधायक हैं, उन्हें कोई नहीं पूछता। वे जनहित में एक काम भी नहीं करा पा रहे हैं। ऐसे में अंतर्विरोधों से घिरी सरकार खुद ही गिर जायेगी। रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में यह बातें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहीं। उन्होंने कहा कि जनहित में वे सरकार से सवाल पूछेंगे।
कृषि मंत्री बादल ने महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी कुमार जयमंगल उर्फ अनुप सिंह के पक्ष में जरीडीह बाजार में जनसंपर्क अभियान चलाया। मंत्री ने व्यवसायियों से कांग्रेस प्रत्याशी को विजय बनाने का अनुरोध किया। मंत्री ने अनुप को आशीर्वाद देने की सभी से गुजारिश की। वहीं नुक्कड़ सभा में विचार रखते हुए कहा कि राजेंद्र बाबू बेरमो की जनमानस को सदैव अपना परिवार समझते थे। वे हमेशा कहा करते थे कि बेरमो मेरा घर है और यहां के लोग मेरे परिवार हैं।
झारखंड युवा मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष और दुमका विधानसभा सीट से जेएमएम प्रत्याशी बसंत सोरेन ने कहा कि चुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का छोटा भाई नहीं, बल्कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ रही है। श्री सोरेन ने कहा कि चुनाव में चेहरा मायने नहीं
झारखंड विधानसभा की दो सीटों के लिए होनेवाले उप चुनाव का प्रचार खत्म हो गया है। दुमका और बेरमो में तीन नवंबर को मतदान होगा। इस उप चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के रुख से एक बात साफ हो गयी है कि झारखंड में राजनीति का चेहरा कुछ और आक्रामक हो गया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन दोनों क्षेत्रों में करीब तीन सप्ताह तक चले चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सियासत का नया रंग देखने को मिला। प्रचार अभियान के दौरान दोनों ही पक्षों ने
दुमका में सीएम हेमंत सोरेन को लेकर यहां के आदिवासियों के बीच गजब की उम्मीदें हैं। दुमका पूरी तरह से आदिवासी बहुल इलाका है। चुनाव प्रचार के क्रम में सीएम जहां-जहां जा रहे हैं, भारी भीड़ उमड़ती है। हेमंत आदिवासियों की आवाज बन कर उभरे हैं। जो आवाज कभी दबा दी जाती थी या कुचल दी जाती थी, अब उसी आवाज पर सरकार फैसले ले रही है। सरना धर्म कोड लागू हो, इसकी सिफारिश का फैसला सीएम को यहींं लेना पड़ा।
चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा पर चुन-चुन कर प्रहार किया। इतना ही नहीं, उन्होंने झारखंड के हित की बात भी कही और अपनी सरकार के काम का हिसाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला हमारा और बिजली बांग्लादेश को, यह नहीं होने दिया जायेगा। उनका इशारा गोड्डा में बन रहे अडाणी के बिजली संयंत्र की ओर था।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के खिलाफ दुमका थाना में जिला कांग्रेस कमिटी ने मामला दर्ज कराया है। सरकार पलटने और तीन माह में भाजपा की सरकार बनने संबंधी बयान के आधार पर भाजपा नेता के खिलाफ निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने की साजिश का आरोप लगाया गया है। दीपक प्रकाश ने अपने बयान में तीन महीने के अंदर सरकार के गिर जाने का दावा किया था। शनिवार को दुमका जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्यामल किशोर सिंह ने
दुमका। झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन ने कहा है कि जनता काम के आधार पर वोट देती है, ना कि परिवार के आधार पर। बीजेपी के नेताओं की ओर से की जा रही बयानबाजी पर गुरुजी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। गुरुजी ने कहा है कि बीजपी के नेता सिर्फ राजनीति करने के लिए अटपटा बयान दे रहे हंै। इस तरह के बयानों से कुछ खास फर्क नहीं पड़ता है।
चंद्रपुरा। एनडीए के प्रतिनिधियों द्वारा आवाज उठाने पर हेमंत सरकार सरना कोड को लेकर सजग हुई है। राज्य सरकार अब तक पूरी तरह से विफल साबित हुई है। पिछले दस महीने में राज्य सरकार किसी भी मामले पर केंद्र सरकार से बात नहीं की। इस उपचुनाव के परिणाम के बाद सरकार गिरे या नहीं, लेकिन सरकार का मनोबल गिरना तय है।
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से ठीक पहले आरक्षण का जिन्न प्रकट हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण देने की वकालत कर जिस राजनीतिक ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल किया है, वह उन्हें चुनावी लाभ तो दिला सकता है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं। भारत में, खास कर हिंदी पट्टी के राज्यों में आर