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झारखंड में कोरोना का कहर जारी है। बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित आठ लोगों की मौत हो गयी। सबसे ज्यादा तीन लोगों की मौत रांची में हुई, जबकि एक ने धनबाद के सरायढेला स्थित कोविड सेंटर में दम तोड़ा। वहीं पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह, खूंटी और पश्चिमी सिंहभूम में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई। इसके साथ ही राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 137 हो गयी है। रिम्स में होने वाली मौत में बिहार नवादा, रांची के मांडर और गिरिडीह का मरीज शामिल है। बिहार के नवादा का मरीज 55 साल का था। 27 जुलाई कि इलाज के लिए रिम्स आया था। बु

कोरोना संकट को देखते हुए प्रशासन ने बुधवार को उक्त कदम उठाया है। कारण लालू के कई सेवादारों के कोरोना से संक्रमित पाये जाने के बाद लालू प्रसाद में कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ गया था। पहले रिम्स के पेइंग वार्ड में लालू का इलाज चल रहा था। पिछले सप्ताह से ही चर्चा थी कि लालू प्रसाद को बंगला में शिफ्ट किया जा सकता है।

अयोध्या में श्रीराम मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिया है और अगले साढ़े तीन साल में दुनिया का सबसे भव्य मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा। अयोध्या में हुआ शिलान्यास और भूमि पूजन केवल एक मंदिर का शिलान्यास नहीं है, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण की शुरुआत है। इसलिए अयोध्या में बननेवाला श्रीराम जन्मभूमि मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं होगा, बल्कि यह भारत को एक सूत्र में पिरोनेवाली उस अदृश्य शक्ति का प्रतीक भी होगा, जिसे भगवान श्री राम कहा जाता है। राम को मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहा जाता है, क्

दुमका । बाबा बासुकीनाथ सभागार में मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोलने के संबंध में जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन समिति…

श्रीराम जन्मभूमि के ठीक पीछे स्थित कुबेर टीला से छेड़छाड़ किये बगैर भव्य राम मंदिर बनेगा। इसे लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और प्रशासन ने रणनीति बना ली है। इसी के साथ कुबेर टीला को संरक्षित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि परिसर के दक्षिणी-पश्चिम किनारे पर स्थित कुबेर टीला भारतीय पुरातत्व

अयोध्या। 84 हजार छह सौ वर्गफुट का विशाल श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अब तक बने नागर शैली के मंदिरों में सबसे अलौकिक होगा। एक शिखर और पांच विशाल मंडपों के गुंबद से सुशोभित तीन तल का यह दिव्य मंदिर विश्व भर में अनूठा होगा। शिखर से लेकर अधिष्ठान तक 17 हिस्सों की डिजाइन के साथ हर एक हिस्से के आकार के पिंक स्टोन की माप और लागत तय हो गयी है। अहमदाबाद निवासी मुख्य शिल्पी चंद्रकात सोमपुरा और उनके दोनों पुत्र निखिल