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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उपायुक्त रांची को बुढ़मू की तीन बच्चियों को हर संभव सरकारी योजनाओं से आच्छादित करने का निदेश दिया है। मुख्यमंत्री से वीडियो साझा कर बताया गया कि रांची के बुढ़मू की तीन बेटियों की मां का निधन इलाज के अभाव में हो गया। अब ये बच्चियां घर के लिए चुआं से पानी लेकर आ रहीं हैं।

पैदल चलकर आने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में 19 दिनों तक लगातार पैदल चलकर बिजयबाड़ा से देवघर पहुंचा सात युवकों का समूह। इस बाबत बिहार के बांका जिला के तारापुर निवासी गुंजन ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि रास्ते में कहीं कुछ खाना-पीना मिल गया तो खा लिया वरना भूखे-प्यासे ही लगातार चलते हुए झारखंड-बिहार सीमा के दर्दमारा तक पहुंचा।

जमीन विवाद में सहोदर भाई एवं भतीजे ने मिलकर सुरेश मंडल को तलवार एवं फरसे से मारकर मौत के घाट उतार दिया। घटना में गंभीर रूप से घायल मृतक की पत्नी मीना देवी एवं बेटे सुमन मंडल का इलाजरत मेडिकल कॉलेज अस्पताल, दुमका में है। घटना रामगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत महुबना गांव में मंगलवार के रात 11 बजे है।

जिले के मनिका थाना क्षेत्र अंतर्गत पोखरी गांव निवासी नंदकिशोर यादव (26 वर्ष) ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। बुधवार को पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मृतक के शव को कुएं से निकाला और पोस्टमार्टम के लिए लातेहार भेज दिया ।

लॉक डाउन के वजह से दादरा नगर हवेली में फंसे झारखण्ड के विभिन्न जिलों के प्रवासी श्रमिकों को आज स्पेशल ट्रेन के माध्यम से जसीडीह स्टेशन पहुंचे। इस दौरान वरीय अधिकारियों द्वारा सभी श्रमिकों व उनके परिजनों का अभिनंदन किया गया एवं उनके सकुशल घर वापसी हेतु ढेरों शुभकामनाएं दी गयी।

चान्हो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने जीवित युवक को मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचने पर दोपहर एक बजे तक युवक की सांस चल रही थी।

झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी में बढ़े कोरोना संकट पर मौखिक रूप से राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया। राज्य सरकार से पूछा है कि कंटेनमेंट जोन हिंदपीढ़ी की कितनी आबादी है, यहां कोरोना संक्रमण को लेकर कितने लोगों की जांच की गयी। हिंदपीढ़ी में कितने लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये, कितने ठीक हुए और अब वहां कितने कोरोना संक्रमित बचे हैं।

कोरोना संकट ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। अर्थव्यवस्थाएं बर्बादी की कगार पर पहुंच गयी हैं। भारत भी भयानक मंदी की कगार पर खड़ा है और स्वाभाविक तौर पर झारखंड पर भी इसका असर पड़ रहा है। दो महीने से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं, तो आमदनी भी शून्य हो गयी है। ऐसे में झारखंड जैसे राज्य के लिए एक विशेष आर्थिक खुराक की जरूरत है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले ही कह चुके हैं कि राज्य की माली हालत पूरी तरह खस्ता है और खजाना खाली है