रांची। कोरोना काल में गलत ढंग से रह रहे तब्लीगी जमात के 17 विदेशियों समेत 18 लोगों को सिविल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सीजेएम कोर्ट ने तबलीगी जमात के 17 विदेशियों एवं रांची के एक निवासी के चार्जफ्रेम पर सुनवाई की। इस दौरान सभी 18 लोगों ने अपना आरोप स्वीकार कर लिया। तब्लीगी जमात के 17 आरोपियों ने कोर्ट से अपने देश वापस लौटने की इच्छा जतायी
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भारत में राजनीति भी अजीब फंडा है। यहां कौन नेता किस कारण से कब किस दल को छोड़ेगा या कब किसमें शामिल हो जायेगा, इसकी भविष्यवाणी बेहद कठिन है। शायद इसलिए व्यक्तिगत आकांक्षाओं और अपना राजनीतिक उद्देश्य पूरा करने के लिए नेताओं का दलबदल करना सुर्खियों में नहीं आता। आम लोग भी इस खेल को समझने लगे हैं। इसके बावजूद कुछ नेता ऐसे भी हैं, जिनका दल बदलना राजनीति के मैदान में कम से कम हलचल तो जरूर पैदा करता है, हालांकि इस बदलाव के का
राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्हें रिम्स के ट्रामा सेंटर में बनाए गए कोविड सेंटर में भर्ती किया गया है। मंत्री को रविवार रात से सांस लेने में तकलीफ थी। साथ ही सर्दी-जुकाम और हल्के बुखार के साथ बदन दर्द की भी शिकायत थी। सोमवार सुबह उन्हें उनके बोकारो स्थित भंडारीदह स्थित आवास से एंबुलेंस के जरिए रांची लाया गया। इसके बाद उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया है।
ओरमांझी। राजधानी रांची के ओरमांझी प्रखंड की गगारी पंचायत के छप्परटोली गांव में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। यहां 10 युवकों ने धर्म परिवर्तन किया है। ये युवक हिंदू और सरना धर्म छोड़ कर इसाई हो गये हैं। इस बात की जानकारी होने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। गांव की पूजा समिति, मुखिया और सरना समिति ने रविवार को बैठक कर फैसला किया है कि युवक या तो ग्रामसभा
। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह रविवार को रांची पहुंचे। वह सोमवार को कृषि बिल के खिलाफ होनेवाले प्रदर्शन में शामिल होंगे। इधर, रविवार को उन्होंने कांग्रेस कोटे के मंत्रियों से कामकाज का फीडबैक लिया। वहीं दूसरी ओर विधायकों संग भी सरकार के कामकाज की चर्चा की।
रांची। झारखंड में नियुक्त प्रारंभिक शिक्षकों की सेवा संपुष्टि पांच साल बाद भी नहीं हो सकी है। इससे ये सभी शिक्षक काफी परेशान हैं। उनकी नियुक्ति 2015-16 में राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में की गयी थी। लगभग 16,000 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, लेकिन नौकरी लगने के पां
पटना। बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने रविवार को विधिवत रूप से जदयू का दामन थाम लिया। गुप्तेश्वर पांडेय को जदयू अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदस्यता दिलायी। जानकारी के अनुसार काशी के एक पंडित जी ने शनिवार के समय को शुभ नहीं बताया था। पंडित जी के अनुसार सदस्यता ग्रहण करने का शुभ समय रविवार को साढ़े 4 बजे से साढ़े 5 बजे के बीच का था। इसलिए इसी
शहीद सिदो-कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या की जांच सीबीआइ से कराने के प्रस्ताव पर शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सहमति दी है। रामेश्वर मुर्मू की हत्या 12 जून 2020 को हुई थी। उनकी हत्या की जांच सीबीआइ से कराने के लिए विभिन्न सामाजि
पटना। बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय शनिवार दोपहर 12 बजे अचानक पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित जदयू मुख्यालय पहुंच गये। उनको अचानक जदयू दफ्तर पहुंचे देख वहां मीडियावालों का हुजूम लग गया। वहां कुछ देर में मुख्यमंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार भी पहुंचने वाले थे। सभी यह कयास लगाने लगे कि गुप्तेश्वर पांडेय जदयू में शामिल होने जा रहे हैं और नीतीश कुमार ही उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलायेंगे। हालांकि यह बात कयास ही साबित हुई। क्योंकि मुख्यमंत्री के जदयू दफ्तर पहुंचने
बिहार विधानसभा के चुनाव की घोषणा होने के साथ ही राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों का सियासी माहौल गरमाने लगा है। राजधानी पटना में विभिन्न राजनीतिक दलों के दफ्तरों में बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है। बिहार का चुनाव इस बार खास इसलिए भी है, क्योंकि कोरोना काल में यह पहला बड़ा चुनाव होने जा रहा है, जिसमें न जुलूस होंगे, न रैलियां होंगी और न लाउड
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र के कृषि से संबंधित बिल पर करारा प्रहार किया है। सीएम ने कहा कि इस बिल में किसानों के हितों की अनदेखी की गयी है। यह कानून राज्यों और किसानों पर जबरन थोपा गया है। अध्यादेश या बिल बनाने से पहले राज्य सरकारों से कोई रायशुमारी भी नहीं की गयी। आजादी के बाद संघीय ढांचा पर यह सबसे बड़ा प्रहार है। किसान विरोधी बिल का हर स्तर प
