रोड शो में दिखा उत्साह सभाओं में विपक्ष पर बरसे
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कांके। आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने रविवार को कांके विधानसभा क्षेत्र के नगड़ी जतरा मैदान में आयोजित चुनावी सभा में…
झारखंड में सत्ता की चाबी वर्ष 2014 के विधानसभा में जनता ने भाजपा के हाथों में सौंपी थी। इनमें वे 10 सीटें महत्वपूर्ण थीं, जिन पर तीसरे चरण यानी 12 दिसंबर को मतदान होना है। भाजपा ने इन 17 में से दस सीटों पर जीत दर्ज कर सत्ता के द्वार पर पहुंची थी। उसके बाद भाजपा ने आजसू के साथ और झाविमो के तोड़े गये छह विधायकों को अपने दल में मिला कर रघुवर दास के नेतृत्व में पांच साल तक निर्विघ्न सरकार चलायी। अब एक बार फिर झारखंड चुनावी मोड में है । अब तक दो चरणों के चुनाव हो चुके हैं। स्थिति बहुत साफ नहीं है। राज्य में सत्ता की चाबी किसके हाथ लगेगी, यह बहुत हद तक तीसरे चरण की 17 सीटें तय करेंगी। तीसरे और चौथे चरण की सीटें भाजपा की मजबूत दखलवाली मानी जाती हैं। यही वजह है कि इन सीटों पर भाजपा पूरी ताकत से लड़ रही है। तीसरे चरण की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक धनवार सीट पर झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी की प्रतिष्ठा दांव पर है, वहीं सिल्ली सीट पर सुदेश महतो के राजनीतिक भविष्य का फैसला होना है। बरही और मांडू सीट पर इस बार भाजपा के उम्मीदवारों के सामने अपने पाला बदलने के फैसले को सही साबित करना है। पहले और दूसरे चरण की सीटों पर मतदान के का रुझान बहुत साफ नहीं है। ऐसे में भाजपा तीसरे और चौथे चरण की सीटों पर अपनी बादशाहत बरकरार रखना चाहेगी। भाजपा को इस बार गठबंधन के साथ-साथ आजसू और झाविमो से जिस तरह से चुनौती मिल रही है, उसमें पार्टी के लिए यहां खुद को मजबूत बनाये रखना आसान काम नहीं है। नौ दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोकारो और बरही में चुनावी सभाओं को संबोधित कर हवाओं का रुख पार्टी के उम्मीदवारों की ओर मोड़ने की पूरी कोशिश करेंगे। जाहिर है कि इन सीटों पर कब्जा बरकरार रखने की राह भाजपा के लिए आसान नहीं है और भाजपा भी यह सत्य अच्छी तरह जानती है। तीसरे चरण की हाइप्रोफाइल सीटों और मांडू तथा बरही में पार्टी उम्मीदवारों की चुनौतियों पर नजर डालती दयानंद राय की रिपोर्ट।
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रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में शनिवार को सात जिलों पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, रांची, गुमला और…
लोकतंत्र में बादशाहत किसके हाथ आयेगी, यह जनता तय करती है और यही कारण है कि हर चुनाव में जनता-जनार्दन का आशीर्वाद हासिल करने और उन्हें लुभाने के लिए राजनीतिक दल ‘हर करम अपना करेंगे’ की तर्ज पर जनता का दिल जीतने की कोशिश करते हैं। झारखंड में दूसरे चरण की 20 सीटों पर मतदान के बाद राजनीति के पंडितों की निगाहें तीसरे चरण की 17 सीटों पर जा टिकी हैं। इन 17 सीटों में जहां धनवार में बाबूलाल के सामने अपना दमखम दिखाने की चुनौती है, वहीं सिल्ली में सुदेश महतो को अपना जौहर दिखाना है। बेरमो सीट पर राजेंद्र सिंह को अपनी ताकत दिखानी है, तो रांची सीट पर सीपी सिंह को खुद को साबित करने की चुनौती है। इन 17 सीटों पर उम्मीदवारों के चुनावी दंगल पर प्रकाश डालती दयानंद राय की रिपोर्ट।
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Ranchi: झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज 20 सीटों पर वोटिंग चल रही है। राज्य की जिन सीटों…
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