नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के सुकमा में सोमवार को हुए एक बड़े नक्सली हमले में 25 जवान शहीद हो गए, जबकि 6 अन्य गंभीर रूप से घायल है तो वहीं 7 जवान लापता भी बताए जा रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार इस हमले का मास्टरमाइंड हिडमा ही है, जो पहले भी ऐसे कई हमलों का नेतृत्व कर चुका है। गौरतलब हो कि सोमवार दोपहर के दौरान नक्सलियों ने CRPF के करीब 150 जवानों को निशाना बना कर घात लगाकर हमला किया था।
आपको बता दें कि हमले का मास्टरमाइंड मडवी हिडमा उर्फ हिडमन्ना की उम्र 25 साल के आसपास बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट में सरकारी रिकॉर्ड के हवाले से बताया जा रहा है कि वह सुकमा में जंगरगुंडा इलाके के पलोडी गांव का रहने वाला है। इस इलाके में लोग उसे हिडमालु, और संतोष के नाम से भी जानते हैं। बताया जाता है कि वह इस इलाके में बीते करीब 10 सलों से सक्रीय है, इस क्रम में उसने इस इलाके पर इस कदर से कहर बरपाया है कि उसे मोस्ट वॉन्टेड नक्सली का दर्जा देते हुए पुलिस ने हिडमन्ना पर 25 लाख रुपये का ईनाम रखा हुआ है।
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खबरों के अनुसरा माओवादियों के बीच हिडमा को खतरनाक लड़ाका और रणनीतिकार भी माना जाता है। बताया जाता है कि हिडमा को गुरिल्ला लड़ाई में महारत हासिल है। यही वजह है कि उसे पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की बटालियन-1 का कमांडर बनाया गया है। इस बटालियन के तहत नक्सलियों की तीन यूनिट्स काम करती हैं और ये बटालियन सुकमा और बीजापुर में बेहद सक्रिय है। इसके अलावा हिडमा माओवादियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) का भी सदस्य है।
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हिडमा के कारनामे
- 11 मार्च को सुकमा में ही माओवादियों ने 12 जवानों को शहीद किया था, जिसका मास्टरमाइंड भी हिडमा ही था।
- पिछले दिनों सुकमा से ही कनाडा के एक सैलानी को अगवा किया गया था, इसके पीछे भी हिडमा का ही हाथ बताया जाता है।
- चिंतलनार में 2010 में हुए हमले के पीछे भी हिडमा का ही दिमाग था। इस हमले में CRPF के 76 जवान शहीद हुए थे।
- झीरम घाटी में 2013 में कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर हुए हमले में भी हिडमा शामिल था।