आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। कोरोना की जंग के बीच पूरे देश में भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि जिस प्रकार शुरूआत में कोरोना संक्रमण के मामले वहां बढ़े थे, लगता था कि काल वहां मौत का तांडव करेगा। पर कुशल प्रशासन, अनुशासन, नियमों के अनुपालन और लोगों के धैर्य ने यह लड़ाई जीत ली। कुछ ऐसा ही झारखंड के बोकारो में भी देखने को मिला है। कोरोना वार में बोकारो पूरे राज्य के लिए मॉडल बन कर उभरा है। अप्रैल की शुरूआत में यहां कोरोना संक्रमण के केस मिलने शुरू हुए और देखते ही देखते यह संख्या 10 तक पहुंच गयी। इनमें से छह तो ठीक होकर घर लौट चुके हैं। अभी पिछले 15 दिनों से बोकारो में कोई भी नया संक्रमित नहीं मिला है।
बोकारो में पहली बार दो अप्रैल को एक महिला में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई थी। वे पति के साथ बांंग्लादेश में तबलीगी जमात में शामिल होने के बाद दिल्ली मरकज में भी शामिल होकर लौटी थी। उनके संपर्क में रहे अन्य लोगों को भी क्वारेंटाइन में रखा गया था। बोकारो में साड़म और तेलो ये दो गांव हॉट स्पॉट बने हुए थे। यहीं सारे संक्रमित मिले। साड़म के ही कोरोना पॉजिटिव मरीज की मृत्यु 8 अप्रैल को हो गयी थी। फिर 12 अप्रैल को मृतक के भाई एवं भतीजे में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। फिर 14 अप्रैल को मृतक के एक अन्य भतीजे में कोरोना पॉजिटिव पाया गया। दरअसल बोकारो में कोरोना संक्रमण फैलने के बाद ही प्रभावित क्षेत्र में कर्फ्यू लगाते हुए पूरी तरह सील कर दिया गया। लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया गया। प्रशासन द्वारा सभी को एहतियात बरतने की सलाह भी दी जाती रही। मुस्तैदी से खाद्य सामग्री और अन्य जरूरत की चीजें लोगों के घरों तक पहुंचती रहीं, ताकि लोग बाहर न निकलें। लोगों ने भी प्रशासन को सहयोग किया और नतीजा सामने है।
लोगों के सहयोग से कोरोना पर पाया गया काबू: डीसी
बोकारो डीसी मुकेश कुमार कहते हैं कि सभी के सहयोग से कोरोना पॉजिटिव मरीजों को चिह्नित करने के बाद उनका बेहतर इलाज किया गया। अबतक छह मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। हमने नियमों का पालन कराया और लोगों ने पालन किया। यही सफलता का राज है।
झारखंड में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर बेहतर
संतोषजनक बात यह है कि झारखंड कोरोना संक्रमण से होनेवाली मृत्यु के मामले में बड़े राज्यों से बेहतर स्थिति में है, जो स्वास्थ्य सुविधाओं में झारखंड से काफी आगे हैं। झारखंड में कोरोना से स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर लगभग 20 फीसदी है, जबकि देश में 22 फीसदी। राज्य में अब तक कुल 108 मरीजों में 20 ने कोरोना को मात दी है। वहीं, झारखंड में कोरना से मृत्यु दर 3 फीसदी है। राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 3.40 है। झारखंड में अब तक तीन लोगों की मौत इससे हुई है। इनमें से एक की मौत दिल्ली में हुई। पड़ोसी राज्यों की तुलना करें, तो छत्तीसगढ़, बिहार और ओड़िशा झारखंड से बेहतर स्थिति में है। छत्तीसगढ़ में तो अभी तक एक भी मौत इस वायरस से नहीं हुई है। ओड़िशा में एक मौत हुई है। स्वस्थ होने वाले मरीजों के मामले में झारखंड पांचवें स्थान पर है। गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश तथा महाराष्ट्र से झारखंड बेहतर स्थिति में है। स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर सबसे कम गुजरात में है।