मुंबई पुलिस ने मंगलवार को दावा किया कि अश्लील फिल्म मामले में गिरफ्तार कारोबारी राज कुंद्रा की कंपनी लंदन स्थित कंपनी के लिए भारत में अश्लील सामग्री का निर्माण कर रही थी। ब्रिटिश कंपनी उनके करीबी रिश्तेदार की है। बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को पुलिस की अपराध शाखा ने मामले में सोमवार की रात को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक उनका संबंध अश्लील सामग्री बनाने और कुछ ऐप के जरिये प्रसारित करने से है। कुंद्रा को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 23 जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुंद्रा की वियान इंडस्ट्रीज का समझौता लंदन की कंपनी केनरिन से था जो ‘हॉटस्पॉट’ ऐप की मालिक है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भारम्बे ने संवाददाता सम्मेलन में बताया, ” कंपनी लंदन में पंजीकृत है, लेकिन सामग्री का निर्माण, ऐप का परिचालन और लेखा जोखा का प्रबंधन कुंद्रा की कंपनी वियान इंडस्ट्रीज के जरिये किया जाता था।” उन्होंने बताया कि केनरिन का मालिक कुंद्रा का रिश्तेदार है। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने दोनों कंपनियों का संबंध स्थापित करने के लिए सबूत एकत्र किए हैं। भारम्बे ने बताया कि पुलिस ने दोनों के बीच व्हाट््सऐप समूह और ई-मेल पर संदेशों का आदान-प्रदान, लेखाजोखा और कुछ अश्लील फिल्म कुंद्रा के मुंबई स्थित कार्यालय पर छापेमारी के दौरान बरामद की है। उन्होंने कहा, ” अपराध में संलिप्तता के सबूत एकत्र करने के बाद हमने राज कुंद्रा और उसके आईटी प्रमुख रेयान थोर्पे को गिरफ्तार किया। अधिकारी ने बताया, ”मामले में हमारी जांच जारी है।” पुलिस ने सोमवार को दावा किया था कि मामले में कुंद्रा ‘मुख्य साजिशकर्ता’ है। उन्होंने बताया कि मुंबई के उपनगर मालवानी पुलिस थाने में चार फरवरी को इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी
मामले में अप्रैल में आरोप पत्र दाखिल करने के बावजूद कुंद्रा की गिरफ्तारी में देरी के सवाल पर भारम्बे ने कहा कि मामले को मजबूत करने के लिए कई इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की जांच करने की जरूरत थी। पुलिस द्वारा कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से पहले रुपयों के हस्तांतरण, अकाउंट के असली मालिक का पता लगाना, सामग्री और प्रकाशक को सत्यापित करना था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने पाया कि विभिन्न खातों में रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। वहीं अश्लील फिल्म गिरोह के पीड़ितों को महज कुछ हजार रुपये मिलते थे। जांच के दौरान प्रकाश में आया कि आम्र्सप्राइम नाम कंपनी ने केनरिन के लिए ऐप (हॉटस्पॉट) बनाया, अलग ऐप भी था। वियान इंडस्ट्रीज का केनरिन के साथ सामग्री निर्माण और पैसों को लेकर करार था और इसके लिए ब्रिटिश कंपनी कुंद्रा की कंपनी को पैसे हस्तांतरित करती थी।