Author: azad sipahi desk

झारखंड समेत पूरे देश में चल रहे आम चुनावों का परिणाम चाहे कुछ भी हो, कोई हारे या कोई जीते, इस बार राजनीतिक हलकों में कई नयी बातें सामने आयी हैं। झारखंड भी इससे अछूता नहीं है। लेकिन एक बात जो सबसे खास तौर पर सामने आयी है, वह यह कि इस चुनाव ने साबित कर दिया है कि झारखंड के सभी दल और काफी हद तक भाजपा की भी प्रदेश में गतिविधियां ‘वन मैन शो’ बन कर रह गयी हैं। चाहे झामुमो हो या झाविमो, आजसू हो या झारखंड पार्टी, किसी भी दल में अब कोई नंबर दो चेहरा नहीं रह गया है, जिसकी पहचान पूरे प्रदेश में हो या जिसे राज्य के हर कोने के लोग स्वीकार करते हों। राज्य गठन के बाद से अधिकांश दिनों तक सत्ता में रही भाजपा की हालत भी कमोबेश ऐसी ही है, जहां आज तक कोई दूसरा सर्वमान्य चेहरा उभर नहीं सका है। झारखंड में कांग्रेस की हालत तो और भी पतली है। यहां तो एक भी सर्वमान्य नेता नहीं है। इस नये राजनीतिक परिदृश्य का परिणाम यह हुआ है कि इन पार्टियों का हर कार्यक्रम केवल एक व्यक्ति पर ही पूरी तरह निर्भर हो गया है। किसी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए यह पूरी तरह स्वस्थ भी नहीं है, क्योंकि एक व्यक्ति पर निर्भर पार्टी के सामने हमेशा इस बात का खतरा बना रहता है कि यदि वह छतरी क्षतिग्रस्त हुई, तो फिर संभलने का अवसर नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं, पूरी पार्टी की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाये रखनेवाले नेता की मास अपील और लोकप्रियता भी धीरे-धीरे कम होती जाती है। इसका सीधा असर पार्टी संगठन पर पड़ता है। आखिर क्यों झारखंड के राजनीतिक दल ‘वन मैन शो’ बन कर रह गये हैं और इस चुनाव के प्रचार अभियान में इसका क्या असर पड़ा है, इसका विश्लेषण करती आजाद सिपाही पॉलिटिकल ब्यूरो की रिपोर्ट।

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Mumbai : बॉलिवुड ऐक्‍ट्रेस कंगना रनौत आने वाले 72वें कान फिल्‍म फेस्टिवल के रेड कार्पेट पर जलवे बिखेरेंगी। चूंकि वह ब्रैंड असोसिएशन का हिस्‍सा हैं, ऐसे में वह इस अनुभव का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। बता दें, यह दूसरा मौका होगा जब वह इस फेस्टिवल का हिस्‍सा बनेंगी। ‘मणिकर्णिका’ ऐक्‍ट्रेस वोदका ब्रैंड ग्रे गूज के लिए 16 से 18 मई के बीच फ्रेंच रिवियेरा ट्रैवल करेंगी। यह ब्रैंड अपने नए ग्‍लोबल प्‍लैटफॉर्म के जरिए सिनेमाई उत्कृष्टता के क्षणों को सेल‍िब्रेट करता है। कंगना ने कहा, ‘पिछले साल कान फिल्‍म फेस्टिवल में डेब्‍यू के बाद मैं भारतीय सिनेमा को…

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की कलीजियम ने उन दो जजों के नामों को एक बार फिर केंद्र सरकार के विचार के लिए भेजा है, जिन्हें पिछले दिनों उसने वापस लौटा दिया था। शीर्ष अदालत की कलीजियम ने झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस और गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ए.एस बोपन्ना को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाए जाने की सिफारिश की है। पिछले ही दिनों केंद्र सरकार ने इन दोनों नामों को वरिष्ठता क्रम और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व में संतुलन का हवाला देते हुए वापस लौटा दिया था। इसके अलावा कलीजियम ने बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस…

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वेटिकन सिटी : पोप फ्रांसिस ने पूरे कैथोलिक चर्च के लिए एक नए कानून की बृहस्पतिवार को घोषणा की जिसके तहत यौन उत्पीड़न के मामलों से अवगत लोगों के लिए इसकी जानकारी देना अनिवार्य बना दिया गया है। वेटिकन के द्वारा प्रकाशित इस नए कानून के तहत पूरी दुनिया के डायोसिस को यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रिपोर्ट करने के लिए एक व्यवस्था बनानी होगी। हालांकि, पादरी के समक्ष कन्फेशन (अपराध स्वीकार) के दौरान किए गए खुलासों पर यह कानून लागू नहीं होगा। फ्रांसिस ने एक कानूनी दस्तावेज में कहा कि समय आ गया है कि हम अतीत के बुरे…

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वाराणसी : शहर में गुरुवार को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। आईपीएल में सट्टा लगाने के कारण कर्ज में डूबे पिता ने अपनी तीन बेटियों के साथ जहर खाकर जान दे दी। मायके में होने के कारण बच्चों की मां की जान बच गई। पुलिस ने शव पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेज दिए हैं। शहर के नई सड़क इलाके में गीता मंदिर के पास रहने वाला दीपक गुप्‍ता उर्फ लड्डू (30) ठेले पर रेडिमेड कपड़े बेचता था। बुधवार को दीपक पत्‍नी अनीता को छावनी क्षेत्र स्थित मायके छोड़ आया था। देर रात उसने अपनी बेटी आस्‍था (10), रिया (6)…

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आज हम बात कर रहे हैं सुभाष यादव की। उस सुभाष यादव की नहीं, जो कभी झारखंड आते थे, तो तहलका मच जाता था। सीधे अधिकारियों के पास फरमान जाता था। वे उन्हें बुलाते थे और उनके यहां उनका दरबार सज जाता था। उस सुभाष यादव को झारखंड के लोग लालू यादव के साला के रूप में जानते थे। यानी साधु यादव के वे भाई थे। वे आते थे और अफसरों को आदेश देकर चले जाते थे। उन्होंने एकीकृत बिहार में झारखंड के अफसरों को नाको चना चबवा दिया था। कहते हैं बड़े-बड़े टेंडर मैनेज करते थे वे, खदानों की लीज दिलवाते थे। जिस समय एकीकृत बिहार में लालू और राबड़ी का जलवा था, उस समय सुभाष यादव की चलती के आगे एक समूह विशेष के लोग नत मस्तक थे। उन्होंने खूब नाम बेचा लालू और राबड़ी का। उनकी साख पर आंच पहुंचायी। जब पानी सिर के ऊपर से बहने लगा, तो खुद लालू और राबड़ी यादव ने उन्हें अपने यहां से हटाया। लोग समझने लगे कि चलो सुभाष यादव से मुक्ति तो मिली। उसी क्रम में साधु यादव से भी मुक्ति मिल गयी। लेकिन समय का चक्र देखिये कि लालू परिवार में एक और सुभाष यादव की इंट्री हो गयी है। इस सुभाष यादव ने लालू परिवार को अपना मुरीद बना लिया है। हां, हम इस सुभाष यादव की बात कर रहे हैं जो झारखंड में राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। हम बात कर रहे हैं उस सुभाष यादव की, जो झारखंड की नदियों में बालू खोजते-खोजते चतरा आये और यहां ठेहा गाड़ दिया। उस सुभाष यादव की, जिन्होंने लालू प्रसाद और उनके परिवार पर ऐसा जादू किया कि उस परिवार ने झारखंड में महागठबंधन की भी परवाह नहीं की और एकतरफा उन्हें चतरा से सिंबल दे दिया। परिणाम तो 23 मई को आयेगा, लेकिन इस सुभाष यादव ने झारखंड में राजद को ऐसा घाव दिया है, जिसे ठीक होने में, स्वस्थ होने में वर्षों लगेंगे।
सुभाष यादव के इस घाव ने झारखंड में जड़ जमाने की कोशिश में लगी लालू प्रसाद की पार्टी और खुद उनकी साख पर बट्टा लगा दिया। सुभाष यादव की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण राजद का जो यहां हश्र हुआ सो हुआ, पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद भी एकदम अलग-थलग पड़ गये हैं। जिस लालू प्रसाद को देखने के लिए, उनकी राजनीतिक सलाह लेने के लिए रांची के रिम्स में मेला लग जाता था। वहां हेमंत सोरेन, डॉ अजय कुमार से लेकर बाबूलाल मरांडी-सुबोधकांत तक सिर झुकाने जाते थे, वे आज रिम्स में गुमनामी में पड़ गये हैं। झारखंड में जड़ें जमाने की कोशिश में सारे हथकंडे अपना कर सुभाष यादव ने जैसे-तैसे चतरा से राजद का टिकट तो हासिल कर लिया, पर इसके कारण महागठबंधन में होते हुए भी राजद इसका अंग नहीं बन सका। वैसे भी चतरा लोकसभा सीट के सहारे सुभाष यादव के संसद में पहुंचने का सपना चकनाचूर हो चुका है, जनता ने उन पर विश्वास नहीं जताया है, पर अपना धंधा जमाने के लिए उन्होंने चतरा में जमीन जरूर तलाश ली है। भले इसके लिए राजद बलि का बकरा बना हो और उसकी राजनीतिक जड़ें कबड़ गयी हों। चतरा चुनाव के बहाने सुभाष यादव की महत्वाकांक्षा ने कैसे लालू परिवार और राजद का झारखंड में बेड़ा गर्क किया है, इस पर नजर डाल रहे हैं हमारे राज्य समन्वय संपादक दीपेश कुमार।

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पुरुलिया/ जौनपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश की चुनावी रैलियों में एक बार फिर विपक्ष को निशाने पर लिया। उन्होंने दो टूक कहा कि देश के गद्दारों को किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जायेगा। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में उनके निशाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रहीं, वहीं उत्तरप्रदेश के जौनपुर में उन्होंने सपा-बसपा-रालोद गठबंधन पर जम कर तंज कसे। पुरुलिया की रैली में मोदी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी खुद का हित साधने के लिए पश्चिम बंगाल के विकास में बाधक बन गयी हैं। पीएम ने कहा, किसी ने कहा है कि दीदी (ममता)…

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प्रतापगढ़। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ और जौनपुर में आयोजित चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमले किये। उन्होंने कहा, इनसे बड़ा कायर, इनसे कमजोर प्रधानमंत्री मैंने जिंदगी में नहीं देखा है। राजनीतिक शक्ति बड़े-बड़े प्रचार से नहीं आती है। टीवी पर दिखाने से नहीं आती है। उन्होंने कहा, राजनीतिक शक्ति वह होती है, जो माने कि जनता सबसे बड़ी है। जनता की बात सुनने की शक्ति, जनता की समस्याओं को सुलझाने की शक्ति, आलोचना सुनने की शक्ति, विपक्षी दलों की बात सुनने की शक्ति। लेकिन ये पीएम आपकी बात सुनना छोड़िए, आपको…

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जितेंद्र मिश्रा/मनोज गोप जमशेदपुर/धनबाद। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धनबाद और जमशेदपुर में चुनावी सभा की। इस दौरान उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को जीताने की अपील की। गुरुवार को उन्होंने कहा कि सोनिया जहां की मूलवासी हैं, वहां के पत्रकार ने भी अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हुई एयर स्ट्राइक में 130 से 170 आतंकी मारे गये। झारखंड का कोयला भी कांग्रेस ने लूटा है। वंशवाद की राजनीति करने वाली कांग्रेस यह बात हजम नहीं कर पा रही है कि देश में एक गरीब का बेटा प्रधानमंत्री बना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि…

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ की गयी टिप्पणी के बाद से सियासी माहौल में उबाल आ गया है। बुधवार को मोदी ने राजीव गांधी द्वारा भारतीय नौसेना के युद्धपोत आइएनएस विराट के दुरुपयोग का आरोप लगाया, तो गुरुवार को कांग्रेस ने जवाबी हमला बोला। कांग्रेस नेताओं ने पीएम को बोफोर्स के साथ राफेल पर भी बोलने की चुनौती दी, वहीं कुछ नेताओं ने कहा कि मोदी के पास परिवार तो है ही नहीं, फिर वह किसके साथ छुट्टी मनाने जायेंगे। इधर विभिन्न मीडिया में राजीव गांधी की उस ‘विराट छुट्टी’ की कहानी भी खूब वायरल…

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आजाद सिपाही संवाददाता तरहसी (पलामू)। नशा करना पति को मंहगा पड़ा। पलामू जिले के तरहसी थाना क्षेत्र के सेवती गांव निवासी पैरु भुइयां को उनके ही पत्नी ने धारदार टांगी से वार कर घायल कर दिया। उन्हें तरहसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के बाद रेफर कर दिया गया है। अरका पंचायत के पंचायत समिति सदस्य पवन प्रसाद ने बताया कि गुरुवार की सुबह आपसी विवाद में पत्नी ने टांगी से वार कर पति को घायल कर दिया। ग्रामीणों के मदद से घायल पति को इलाज के लिए सरकारी एंबुलेंस से तरहसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जंहा प्राथमिक उपचार…

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