पश्चिम बंगाल: 7 नवंबर से गुटखा-पान मसाले की मैनुफैक्चरिंग, खरीद-बिक्री बैन
Author: azad sipahi desk
जम्मू कश्मीर: कुलगाम में संदिग्ध आतंकियों ने 2 गाड़ियों में लगाई आग, एक BJP कार्यकर्ता की
मुंबई: भिंडी बाजार की इस्माइल बिल्डिंग में लगी आग, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
5 से 15 नवंबर तक मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस का हल्लाबोल, देशभर में प्रदर्शन की तैयारी
नई दिल्ली: फेसबुक के स्वामित्व वाले मेसेजिंग प्लैटफॉर्म वॉट्सऐप के खुलासे से भारतीयों की निजता को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल, वॉट्सऐप ने अमेरिका में एक मुकदमे में खुलासा किया है कि एक इजरायली फर्म के स्पाइवेयर के जरिए भारतीय पत्रकारों और ऐक्टिविस्टों की भी जासूसी की गई। गुरुवार को यह खबर भारतीय मीडिया में आने के बाद सरकार ने वॉट्सऐप से जवाब मांगा है। बताया जा रहा है कि हैकर्स ने भारत में जिन लोगों को शिकार बनाया, वे मुख्य रूप से मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील और पत्रकार हैं, जो आदिवासियों और दलितों के लिए अदालत में सरकार…
वॉशिंगटन: अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने गुरुवार को संविधान के अस्थायी प्रावधानों को हटाते हुए जम्मू-कश्मीर के लिए उठाए गए ‘बोल्ड कदम’ को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की। बता दें कि 31 अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में अस्तित्व में आ गया, जिसकी घोषणा 5 अगस्त को की गई थी। सरकार ने राज्य से विशेष दर्जा हटाते हुए उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। सांसद जॉर्ज होल्डिंग ने सदन में गुरुवार को कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी और संसद ने जो कदम उठाएं हैं वे जरूरी थे।…
गढ़वा में मुख्यमंत्री रघुवर दास का विपक्ष पर सीधा निशाना, कहा
थानेदार बनने के लिए कम से कम एक साल का प्रशिक्षण जरूरी
जेल से रिहा होने के बाद नेता के स्वागत में उमड़ी भीड़
रांची। सरदार वल्लभ भाई पटेल भारतीय राजनीति और इतिहास के वह पुरोधा हैं, जिन्हें युगों-युगों तक याद किया जायेगा। उनका व्यक्तित्व विराट था और उनके आदर्श एवं राष्ट्रभक्ति अनुकरणीय है। वह नवीन भारत के निर्माता के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता अखंडता के बेजोड़ शिल्पकार थे। उक्त बातें आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। इससे पहले आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो ने झारखंड विधानसभा के सामने स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। श्री महतो ने कहा कि आजादी के लिए कड़ा संघर्ष करने वाले…
भाजपा के मुख्य फोकस में आदिवासीझारखंड में इस बार के विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों का बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है। खास कर सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यह चुनाव खास है, क्योंकि एक ओर उसे सत्ता में वापसी सुनिश्चित करनी है, तो दूसरी ओर रघुवर दास सरकार के कामकाज पर जनता की मुहर लगानी है। पार्टी ने 65 प्लस का लक्ष्य तय किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कई टुकड़ों में बंटे विपक्ष के बावजूद यह लक्ष्य बहुत आसान नहीं है। अपने लक्ष्य को आसान बनाने के लिए भाजपा ने हर जतन शुरू कर दिया है। इसके साथ ही पार्टी ने अब यह भी साफ कर दिया है कि उसके मुख्य फोकस में 73 प्रतिशत गैर आदिवासी ही नहीं 27 प्रतिशत आदिवासी भी हैं। पार्टी ने राज्य कुछ बड़े आदिवासी चेहरों को अपने पाले में कर झारखंड की 27 प्रतिशत आबादी को यह संदेश दिया है कि भाजपा अब केवल 73 प्रतिशत गैर-आदिवासियों की ही पार्टी नहीं रही है। भाजपा की इस नयी रणनीति पर आजाद सिपाही पॉलिटिकल ब्यूरो की रिपोर्ट।
