लोकतंत्र में बादशाहत किसके हाथ आयेगी, यह जनता तय करती है और यही कारण है कि हर चुनाव में जनता-जनार्दन का आशीर्वाद हासिल करने और उन्हें लुभाने के लिए राजनीतिक दल ‘हर करम अपना करेंगे’ की तर्ज पर जनता का दिल जीतने की कोशिश करते हैं। झारखंड में दूसरे चरण की 20 सीटों पर मतदान के बाद राजनीति के पंडितों की निगाहें तीसरे चरण की 17 सीटों पर जा टिकी हैं। इन 17 सीटों में जहां धनवार में बाबूलाल के सामने अपना दमखम दिखाने की चुनौती है, वहीं सिल्ली में सुदेश महतो को अपना जौहर दिखाना है। बेरमो सीट पर राजेंद्र सिंह को अपनी ताकत दिखानी है, तो रांची सीट पर सीपी सिंह को खुद को साबित करने की चुनौती है। इन 17 सीटों पर उम्मीदवारों के चुनावी दंगल पर प्रकाश डालती दयानंद राय की रिपोर्ट।
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जेल से निकल कर रांची पहुंचे पी चिदंबरम ने कहा
पुलिस जुटी जांच में, नक्सलियों के बताये जा रहे हथियार
रांची। विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत शनिवार को 20 क्षेत्रों में सुबह सात बजे से मतदान होगा। इस…
90 फीसदी अफसर पीटी में ही फेल, पीटी की उत्तर पुस्तिकाएं कूड़ेदान से जब्त
अतीत कई बार अपनी हदें लांघता हुआ वर्तमान से कड़ियां जोड़ लेता है। झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की हॉट सीटों में से एक तमाड़ में अतीत जैसे जिंदा हो उठा है। यहां की सियासत एक
ऐसे नाम के इर्द-गिर्द घूम रही है, जो अब इस दुनिया में नहीं है। तमाड़ के विधायक थे रमेश सिंह मुंडा, जो नक्सली हिंसा में मारे गये थे। इस बार यहां जो चुनावी बिसात बिछी है, उसमें रमेश सिंह मुंडा की विरासत के आधार पर राजनीति में आये उनके पुत्र विकास मुंडा का मुकाबला जिस राजा पीटर और कुंदन पाहन से है, वे दोनों ही रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में आरोपित हैं। राजा पीटर पर रमेश सिंह मुंÞडा की हत्या के लिए सुपारी देने का आरोप है, जबकि कुंदन पाहन पर सुपारी लेकर हत्या करने का। रमेश सिंह मुंडा के पुत्र विकास तमाड़ के मौजूदा विधायक हैं, लेकिन उनके लिए आजसू के रामदुर्लभ सिंह मुंडा भी दीवार बन कर खड़े हो गये हैं। उनकी चुनौतियों को भेद पाना आसान नहीं दिख रहा। यहां बन-बिगड़ रहे राजनीतिक समीकरणों की पड़ताल करती स्वरूप भट्टाचार्य की रिपोर्ट।
सुभाष/ राजकुमार
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