अध्यक्ष के साथ धक्का-मुक्की, पुतला फूंका, गो बैक के नारे लगे
Browsing: झारखंड
रांची: राजधानी रांची समेत आसपास के क्षेत्रों में सुबह से रुक-रुककर बारिश हो रही है। राज्य में अभी तक मानसून…
ओरमांझी के आरा केरम गांव के ग्रामीणों ने बढ़ाया मान
दही-हांडी फोड़ो प्रतियोगिता 24 को
दही-हांडी फोड़ो प्रतियोगिता 24 कोपुरुष गोविंदा के लिए हांडी की ऊंचाई 20 फीट एवं महिलाओं के लिए 15 फीट होग
झारखंड का नाम टेरर फंडिंग के लिए देश भर में चर्चा में है। एनआइए की जांच इस मामले में चल रही है। कई सफेदपोशों के नाम इस अवैध कारोबार में शामिल हैं। ऐसा नहीं है कि झारखंड के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इस अवैध कारोबार की जानकारी नहीं थी। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कई अवसरों पर इस अवैध कारोबार पर रोक लगाने का निर्देश भी जारी किया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस बारे में लिखित आदेश भी जारी किया, लेकिन पुलिस अधिकारी उस आदेश पर पालथी मार कर बैठ गये। वे अवैध वसूली रोकने के लिए कभी गंभीर ही नहीं हुए और देखते ही देखते यह घाव नासूर बन गया। राज्य की बदनामी हो रही है, सो अलग। टेरर फंडिंग के इस पूरे खेल को कैसे कुछ पुलिस अधिकारियों के समर्थन से प्रोत्साहन मिला, इस बाबत अजय शर्मा की खास रिपोर्ट।
सीबीआइ को नहीं मिल रहे मारे गये लोगों के कपड़े, वाहन की जांच कर चुकी है फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम
आज की खबर विशेष में हम चर्चा कर रहे हैं उस कारोबार की, जो न सिर्फ नक्सलियों को आर्थिक मदद पहुंचाता है, बल्कि झारखंड के कुछ अफसरों को भी करोड़पति बना रहा है। इसे कोयला तस्करी कहते हैं। झारखंड में यह बड़ी तेजी से फला फूला है। जिसे जहां भी मौका मिलता है, वह इस अवैध कारोबार में डुबकी लगाने से चूकता नहीं। कोयला तस्करी में अगर एक बार शामिल हो गये, तो वह चाहे कोई भी हो, उसकी आर्थिक दशा बड़ी तेजी से बदल जाती है। इस कारोबार में सफेदपोश, कोयला तस्कर, बड़े व्यवसायी, पुलिस, पत्रकार और नक्सलियों की चौकड़ी शामिल है। पेश है अजय शर्मा की रिपोर्ट।
पत्नी समेत तीन को मारी गोली, एक की मौत
स्पीकर ने दिया नियमन, जांच रिपोर्ट आने तक दंडात्मक कार्रवाई नहीं
हेमंत ने बालू बेचा, मैनहर्ट से पैसा खाया : सीपी सिंह
जांच में दूध का दूध-पानी का पानी हो जायेगा: हेमंत
अजय शर्मा रांची। उग्रवादग्रस्त झारखंड में अब एक नया घोटाला सामने आया है। उग्रवादी हिंसा के शिकार परिवारों को मिलने…