प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील के बाद देश के सर्विस सेक्टर को सबसे बड़ा धक्का लग सकता है .3.5 फीसदी के…
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स्थानीय नेताओं की उपेक्षा जारी रही, तो और झटके खायेगी पार्टी
बाबा रामदेव ने देश में कोरोना के कारण जन्मी कठिन परिस्थतियों के बीच कई महत्वपूर्ण ऐलान किए हैं. बाबा रामदेव…
पर कितना कारगर होगा विस्थापन आयोग, है बड़ा सवाल
झारखंड को इस दलदल से निकालना सभी दलों के लिए चुनौती
क्या झारखंड की राजनीति में नया अध्याय लिख पायेगी दोनों की नजदीकी?
कांग्रेस मैदान में रही, तो नंबर वन का तमगा हासिल नहीं कर पायेंगे गुरुजी!
कांग्रेस के रवैये ने पैदा कर दिये हैं कई सवाल, कहीं बिगाड़ ना दे पूरी थाली का स्वाद
अमानवीय है बकाया वसूली के लिए बिजली काटना
ईश्वर जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश पर बुधवार को यह कहावत चरितार्थ होती दिखी। 25 फरवरी को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति के बाद 11 मार्च को पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए उन्हें उम्मीदवार बनाकर उनकी झोली खुशियों से भर दी। भाजपा की ओर से राज्यसभा की इस सीट के लिए रघुवर दास और डॉ रवींद्र राय भी तगड़े दावेदार माने जा रहे थे। पार्टी की प्रदेश इकाई ने उम्मीदवारी के लिए यही तीन नाम भेजे थे, जिनमें से दीपक प्रकाश के नाम पर मुहर लगी। बहरहाल, इस निर्णय से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास फिलहाल पावर सेंटर से दूर हो गये हैं। राज्यसभा की दो सीटों के लिए दो उम्मीदवारों के नाम साफ होने के बाद बने जो सियासी समीकरण बनते दिख रहे हैं, उसपर निगाह डालती दयानंद राय की रिपोर्ट।
झारखंड प्रदेश भाजपा के नये अध्यक्ष के राजनीतिक कौशल की परीक्षा