Author: azad sipahi desk

रांची। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि प्रदीप यादव स्वयं पर संयम रखें अनाप-शनाप न बोलें। झाविमो ने उनका कच्चा चिट्ठा खोलना शुरू किया तो वे कहीं के न रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदीप यादव झाविमो को कांग्रेस की झोली में डालना चाहते थे। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने यह सनसनीखेज खुलासा शुक्रवार को रांची पहुंचने पर किया। कहा कि झाविमो से निष्कासित प्रदीप यादव पार्टी का विलय कांग्रेस में कराना चाहते थे। इसलिए वे विधायक बंधु तिर्की के साथ कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ा रहे थे। बता दें कि इससे पहले अपने निष्कासन के बाद प्रदीप यादव ने…

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रांची। झारखंड हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता राजीव रंजन को नया महाधिवक्ता बनाया गया है। इस संबंध में शुक्रवार को झारखंड सरकार के विधि विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गयी। गुरुवार को अजीत कुमार का इस्तीफा राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया था। महाधिवक्ता नियुक्त होने के बाद राजीव रंजन ने आजाद सिपाही से बातचीत से कहा कि उनकी प्राथमिकता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड सरकार के पक्ष को हाइकोर्ट में मजबूती से रखना है। साथ ही झारखंड हाइकोर्ट को न्याय प्रणाली में सहयोग करना है। राजीव रंजन झारखंड स्टेट बार काउंसिल के तीन बार सदस्य रहे…

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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके उस ट्वीट के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है जिसमें उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधने के लिए ‘हिंदू-मुस्लिम’ विडियो पोस्ट किया था। आयोग ने अपने नोटिस में कहा है कि पहली नजर में यह सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला लग रहा है। आयोग ने केजरीवाल को जवाब देने के लिए शनिवार शाम 5 बजे तक का वक्त दिया है। शनिवार को ही वोटिंग है।

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नई दिल्ली : करॉना वायरस के संक्रमण के चलते पूरे चीन में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। ऐसे में हर देश वहां से अपने नागरिकों को निकालने की कोशिश में जुटा है। भारत सरकार भी चीन से अपने नागरिकों को लगातार निकाल रही है। इतना ही नहीं हमेशा की तरह भारत ने पड़ोसी देशों से भी कहा है कि वह अगर चाहें तो भारत उनके नागरिकों को चीन से निकालने में मदद करने के लिए तैयार है। भारत की इस पेशकश का लाभ मालदीव ने उठाया है। चीन में फंसे मालदीव के छात्र भारतीय विमान से लौट आए हैं।…

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बंगला को लेकर ‘माननीयों’ का मोह पुराना है। ज्यादातर ‘माननीय’ चुनाव हारकर या कुर्सी से बेदखल होकर ‘पूर्व’ हो जाने के बाद भी सरकारी बंगले का मोह नहीं छोड़ पाते। झारखंड में भी कुछ ऐसे ही हालात हैं। सत्ता परिवर्तन के बाद से जो नयी सरकार बनी है, उसमें नवचयनित विधायकों और मंत्रियों के लिए आवास की व्यवस्था करना विधानसभा के लिए टेढ़ी खीर बनता जा रहा है, क्योंकि ज्यादातर पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने अभी तक अपना आवास खाली नहीं किया है। बार-बार नोटिस दिये जाने के बाद भी पूर्व मंत्री और विधायक बंगला खाली नहीं करना चाहते। वैसे…

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