रांची। हेमंत सरकार काम करके दिखाने वाली सरकार साबित होगी, ना कि बोलने वाली। लगन, परिश्रम और सच्ची निष्ठा हो, तो कामयाबी स्वत: बाहें फैलाये स्वागत करती है। ये अल्फाज झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय के हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी के सुनहरे 35 साल झारखंड मुक्ति मोर्चा को समर्पित किया है। तमाम विषम परिस्थितियों और प्रशासनिक दबावों के बावजूद इन्होंने कभी शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन का साथ नहीं छोड़ा। छात्र जीवन में उन्होंने दिशोम गुरु शिबू सोरेन का नेतृत्व स्वीकारा। तब से लेकर आज तक वह गुरुजी के साथ परछार्इं की तरह रहते हैं। जब भी उनके सामने गुरुजी का जिक्र होता है, वह कहीं अतीत में खो जाते हैं। भावुक हो जाते हैं। उन्हें गुरुजी के साथ बिताये वे पल याद आने लगते हैं, जब कभी गुरुजी उनकी खुली जीप में बैठ खुद ड्राइविंग करने लगते थे। उनके सिर पर हाथ फेरते रहते थे। पहले जब गुरुजी रांची आते थे, तो वह उनके घर पर रहना ही पसंद करते थे। वे कहते हैं: गुरुजी पलंग पर नहीं, जमीन पर सोना पसंद करते हैं। कहते हैं: कभी गुरुजी के साथ बाहर जाने पर गुरुजी होटल में जमीन पर सो जाया करते थे और हम लोगों को पलंग पर सुला देते थे। हेमंत सोरेन के रणनीतिकारों में भी इनकी गिनती होती है। यह झारखंड मुक्ति मोर्चा के उन सिपाहियों में से एक हैं, जिनके रूह में पार्टी की परंपरा और सोच बसती है। राहुल सिंह के साथ विनोद पांडेय ने बातचीत की। उसी बातचीत के प्रमुख अंश-
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हेमंत सोरेन ने बतायी सरकार की प्राथमिकता
सरयू राय का रघुवर दास पर सीधा वार
रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर लक्ष्मण गिलुआ फिलहाल एक-दो माह तक बने रहेंगे। कहा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव…
राज्य सूचना आयोग को मजबूत बनाने की पहल
सुबोध सिंह पवार
धनबाद का बाघमारा विधानसभा क्षेत्र आतंक और दहशत का पर्याय बना हुआ है, बल्कि यूं कहें कि यहां जंगल राज कायम है। इस राज के राजा को लोग टाइगर के नाम से जानते हैं। वह बेखौफ है और कानून से खुद को ऊपर मानता है। जिसने उसके खिलाफ बोलने की जुर्रत की, उसे विभिन्न हथकंडे अपना कर प्रताड़ित करते हुए अपने सामने झुकने पर मजबूर कर देता है। उसकी दहशतगर्दी के कारनामों से सब वाकिफ हैं। फिर भी व्यवस्था उसका बाल बांका तक नहीं कर पाती। आतंक का साम्राज्य चलानेवाला यह शख्स और कोई नहीं, बल्कि धनबाद चैंबर आॅफ कामर्स की मानें, तो वह भाजपा विधायक ढुल्लू महतो है। वह कई गंभीर मामलों में नामजद आरोपी और कई मामलों में घोषित वारंटी भी है। वह दोषसिद्ध मुजरिम भी है और अपनी समानांतर व्यवस्था को टिकाये रखने के लिए टाइगर फोर्स का संस्थापक भी।
हार की जिम्मेदारी को लेकर फेंका-फेंकी की स्थिति
नयी दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद वह पहली…
झारखंड पर इस समय 85 हजार 234 करोड़ का कर्ज है, जबकि 2014 में यह कर्ज 37 हजार 593 करोड़ था
प्रार्थना की, जनहित की सरकार चलाने की असीम ताकत दे मां
चुनाव से पहले पाला बदलनेवाले ज्यादातर नेता हुए रिजेक्ट
