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वैश्विक महामारी कोरोना के कहर को लेकर देशभर के लोग सहमे हुए हैं। झारखंड में कोरोना की जंग में सखी मंडल की दीदियां महायोद्धा बन कर उभर रही हैं। परिवार से दूर बिना पारिश्रमिक गरीबों की मदद के लिए दीदियां कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही हैं। इन दीदियों का जज्बा देख कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में सखी मंडल की दीदियों का बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना उत्साहजनक है।

वैश्विक महामारी कोरोना से जंग लड़ रहे भारत के 130 करोड़ लोगों में कम से कम सवा तीन करोड़ ऐसे लोग हैं, जिन्हें लॉकडाउन के दो सप्ताह बाद अब लगने लगा है कि उनकी सरकार उन्हें इस खतरनाक बीमारी से महफूज रखने में सफल हो रही है। ये सवा तीन करोड़ लोग झारखंड के हैं। जो लोग झारखंड के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं या देश के दूसरे हिस्सों में फंसे हुए हैं, उन्हें इस बात की भी चिंता नहीं है कि लॉकडाउन की अवधि में उन्हें खाना या राशन कैसे मिलेगा।

कोरोना वायरस से आज पूरा विश्व लड़ रहा है। कोरोना वायरस अब तक 13 लाख लोगों को बीमार बना चूका है।अब तो आलम ये है की अब पूरी दुनिया इस कोरोना जैसी महामारी से परेशान हो चुकी है। चीन से निकला ये वायरस आज पूरी दुनिया में फ़ैल चूका है। दुनिया के सभी साइंटिस्ट और मेडिसिन विशेषज्ञ इस महामारी की दवा बनाने में लगे है ।

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कोरोना से मुकाबला को लेकर आवश्यक चिकित्सा उपकरण के लिए राष्ट्रपति से अनुरोध का भरोसा दिया। कहा कि राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कोरोना से लड़ने के लिए राज्य की आवश्यकताओं से अवगत कराने को कहा था। राज्यपाल ने कहा कि झारखंड में 80 प्रतिशत लोग गांव में रहते हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोरोना संक्रमण को लेकर काफी चिंतित हैं। वह और उनकी सरकार यह नहीं चाहती कि झारखंड में यह महामारी का रूप ले। यहां की सरकार द्वारा जो कदम उठाये गये हैं, उनकी तारीफ दूसरे राज्यों में हो रही है। सीएम चाहते हैं कि झारखंड में फुलप्रूफ व्यवस्था रहे। उनकी इस मंशा को पूरा नहीं होने देने में केंद्र आड़े आ रहा है। यह आरोप खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लगाया।

वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि सरकार के समक्ष असली चुनौती लॉकडाउन खत्म होने के बाद आयेगी। लाखों की संख्या में दूसरे राज्यों में काम करनेवाले मजदूर झारखंड आयेंगे। इनमें से कुछ आ भी चुके हैं। इनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न होगी। इनके लिए भोजन उपलब्ध कराना सरकार का काम है। सबकुछ पटरी पर आने में कम से कम तीन माह लगेंगे। केंद्र सरकार को चाहिए कि इसके लिए राज्य को विशेष पैकेज दे। पांच हजार करोड़ से ज्यादा शेष राशि जारी करे।

आजाद सिपाही संवाददाता रांची। पूरे देश में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन चल रहा है। इसने अर्थव्यवस्था को बेपटरी कर…

कोरोना पर काबू पाने को लेकर हेमंत सरकार सतर्क और सकारात्मक रुख अपनाये हुए है। राज्यस्तरीय कोरोना कंट्रोल रूम इस कड़ी में अहम भूमिका निभा रहा है। यहां 181 पर संपर्क करने के साथ ही समाधान भी निकाला जा रहा है। यह प्रक्रिया निरंतर 23 मार्च से चल रही है। अब तक 5581 शिकायतें दर्ज की गयीं, जिसमें 1929 शिकायतों पर कार्रवाई की जा चुकी है।