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आदिवासी समुदाय लंबे समय से अपने अस्तित्व, पहचान, भाषा संस्कृति और संसाधनों पर हक के लिए संघर्ष कर रहा है। प्रकृति के साथ लंबे समय के सहचर्य से इस समुदाय ने प्रकृति आधारित जीवन शैली विकसित की है, पर सभ्यताओं के साथ संपर्क में आने के बाद उनके जीवन में परिवर्तन आना शुरू हुआ। आज आदिवासी समुदाय अपनी पहचान, भाषा, संस्कृति, संसाधनों पर हक के लिए अन्य समस्याओं के साथ संघर्ष कर रहा है। आदिवासियों के संदर्भ में झारखं

देश भर में सबसे शानदार विधानसभा भवन होने का दावा करने वाले झारखंड के विधानसभा भवन की असलियत एक बार फिर सामने आ गयी है। बाहर से यह भवन जितना आलीशान और भव्य दिखता है, अंदर से उतना ही खोखला है। इसके उद्घाटन के अभी एक साल

अयोध्या में श्रीराम मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिया है और अगले साढ़े तीन साल में दुनिया का सबसे भव्य मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा। अयोध्या में हुआ शिलान्यास और भूमि पूजन केवल एक मंदिर का शिलान्यास नहीं है, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण की शुरुआत है। इसलिए अयोध्या में बननेवाला श्रीराम जन्मभूमि मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं होगा, बल्कि यह भारत को एक सूत्र में पिरोनेवाली उस अदृश्य शक्ति का प्रतीक भी होगा, जिसे भगवान श्री राम कहा जाता है। राम को मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहा जाता है, क्

श्रीराम जन्मभूमि के ठीक पीछे स्थित कुबेर टीला से छेड़छाड़ किये बगैर भव्य राम मंदिर बनेगा। इसे लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और प्रशासन ने रणनीति बना ली है। इसी के साथ कुबेर टीला को संरक्षित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि परिसर के दक्षिणी-पश्चिम किनारे पर स्थित कुबेर टीला भारतीय पुरातत्व

अयोध्या। 84 हजार छह सौ वर्गफुट का विशाल श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अब तक बने नागर शैली के मंदिरों में सबसे अलौकिक होगा। एक शिखर और पांच विशाल मंडपों के गुंबद से सुशोभित तीन तल का यह दिव्य मंदिर विश्व भर में अनूठा होगा। शिखर से लेकर अधिष्ठान तक 17 हिस्सों की डिजाइन के साथ हर एक हिस्से के आकार के पिंक स्टोन की माप और लागत तय हो गयी है। अहमदाबाद निवासी मुख्य शिल्पी चंद्रकात सोमपुरा और उनके दोनों पुत्र निखिल

एक नाम धरा पर ऐसा है, जिससे अनगिनत भाव जुड़े हैं। राम, जो सर्वव्यापी है, जो अविनाशी है, जो त्याग की पराकाष्ठा है, जो मानव भेष में महामानव और भगवान है, जो सत्य है, जो धर्म है, जो विजय है, जो अनंत है, जो अविनाशी है, जो भ्रातृत्व है, जो मित्रता है, जो सर्वप्रि

करोड़ों हिंदुओं की आस्था का मंदिर अब बनने जा रहा है। पांच अगस्त 2020 वह ऐतिहासिक दिन होगा, जिस दिन प्रधानमंत्री राम मंदिर का शिलान्यास कर करोड़ों हिंदुओं को उनके प्रिय भगवान राम के मंदिर की सौगात देंगे। राम मंदिर बनना किसी बड़े सपने से कम नहीं है, क्योंकि इसे बनाने में पिछले सैकड़ों सालों का इतिहास है। सैकड़ों साल से संघर्ष की लड़ाई, आंदोलनों की वीरता और लोगों के संयम का फल है कि राम मंदिर बनने का सपना आ